Saturday, 30 December 2017

नया साल वो साल गया मेरी रंजिस गई, बतो ही बातो में मेरी मंजिल गई, साल  भी गया ,सब्र भी गया, उम्मीद की किरण ढल सा गया। आंखों से आँशु गिरत...

Saturday, 9 December 2017

रात को सो नहीं पाया अजब सी बेचैनी छाई थी सुबह आँख जब खुली बस इतना सा ख्याल आया लगा जैसे तुम्हारा फ़ोन आया। सन्नाटे छा रहे थे कमरे में ब...

Saturday, 2 December 2017

मैं और मेरी तन्हाई, अक्सर ये बाते करते हैं ज्यादा सोऊ या कम गम को पिऊ या आंखे करदू नम या फिर सबकुछ भुला दू कुछ तो अच्छा कर लूं हर रोज...

Friday, 1 December 2017

क्या याद हैं तुम्हे, वो खामोशी से की गई बात वो हसीन दिन, वो हमारी पहली मुलाकात पता हैं  तुम भूल गई होगी लेकिन याद है मुझे खामोशी के साथ त...

Sunday, 5 November 2017

                  इज्जत है वो.... घर की इकलौती बेटी है न वो, जानता हूँ मैं हा करती है मोहब्बत मुझसे, जानता हूँ मैं राह ताकती है मेरी हरदम...

Saturday, 21 October 2017

ज़मीन जल रही है फिर भी चल रहा हूँ मैं फ़िज़ा का वक़्त हैं और फूल फल रहा हूँ मैं हर तरफ आंधिया हैं नफरतो की मैं फिर भी दीपक हूँ प्यार का हिम्म...

Wednesday, 18 October 2017

दीप जला हैं जगमग जगमग, सारी खुशिया सबके दर पर, रात अंधेरी  सांत  स्वरूप में, दीपक किया हैं रौशन हर जग।                         ~ दीपक क...